अयोध्या के एक झलक कोरबा शहर में राम मंदिर के रूप में
कोरबा का नया राम मंदिर के बारे में जहां भव्य राम मंदिर है दोस्तो आइए जानते है जो राजस्थान के बंसी पहाड़ के पत्थरों से बना हुआ है जो अदभूत है आपने ऐसा मंदिर कही नही देखें होगे यहां मंदिर बहुत ही सुन्दर और अनोखा मंदिर है इस पोस्ट में आपको राम मंदिर के बारे में जानेंगे को मिलेगा तो आप सभी इस ब्लॉग में बने रहें मंदिर का निर्माण 12 जून 2023 को किया गया है इनका शुभारंभ करने के लिए श्री कैबिनेट मंत्री जयसिंहअग्रवाल के द्वारा किया गया है मंदिर परिसर तो पहले से भिड़ उमड़ी हुई थी और मंदिर परिसर में विश्व विख्याता जया किशोरी की इस सभा के आगमन की खबर सुन कर मंदिरो में स्थित सभी लोगो में आस्था का एक झलक देखने को मिला और उनके खुशी में चार चांद लग गई
राम मंदिर निर्माण – जय श्री अग्रवाल ने इस मंदिर की नींव रखी है उन्होंने मंदिर के निर्माण के लिए राजस्थान हरियाणा महाराष्ट्र से कारीगर बुलवाएं हैं इन मजदूरों के साथ ऐसे कारीगर भी हैं जो 40 से 50 की संख्या में है जिन्होंने अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में अपना योगदान दिया था कुल मिलाकर 120 मजदूर मंदिर का निर्माण किए हैं इसमें से अधिकतर मजदूर राजस्थान के हैं जो धार्मिक स्थलों का निर्माण करते हैं मंदिर के निर्माण के लिए बंसी पहाड़पुर के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है जो सिर्फ राजस्थान के बंसी पहाड़ में ही मिलते हैं इन्हें पत्थरों का उपयोग अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में भी किया गया था साईं राम भक्त तो अयोध्या जा नहीं सकते इसलिए अयोध्या के मिट्टी की खुशबू और वैसे ही पत्थरों का उपयोग से कोरबा में बने राम मंदिर में श्रद्धालु जरूर जा सकेंगे
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यात्रा के दौरान – निशान यात्रा के मार्ग में जगह-जगह लोग राम भक्तों का स्वागत करेंगे साथ ही पुष्प वर्षा भी करेंगे भव्य निशान यात्रा के दौरान भक्तजनों को महिलाओं को लाल लिया भगवा रंग के वस्त्र तथा पुरुष को कुर्ता पजामा पहन का शामिल होने को कहा है रात के समय शहर ऐसे प्रतीत हो रहा है कि भगवान श्री रामचंद्र ऊर्जा नगरी में पहुंचकर लोगों को आशीर्वाद दे रहे हैं कैबिनेट मंत्री अग्रवाल जी आयोजन को सफल बनाने एवं आम जनों की सहभागिता इसने कराने की दिशा में प्रत्येक वर्ग के लोगों से संपर्क किए और उन्हें आमंत्रित किया गया इस यात्रा में भक्तजन श्रद्धालु हजारों की संख्या में इकट्ठा होकर इस यात्रा को सफल बनया गया
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अयोध्या के एक झलक कोरबा शहर में
अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन का जश्न कोरबा में भी देखने को मिला। यहां के गांव देवपहरी के गोविंदझुंझा झरने के पास लोग जमा हुए। यहां से मिट्टी और पानी को लिया गया। आस-पास के 40 गांवों के पवित्र देव स्थल की मिट्टी और जल भी लिए गए। अब इन्हें अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में भेजा जाएगा। लोग मिट्टी और जल के कलश को गाजे बाजे के साथ लेकर गौमुखी सेवा धाम के मां सिद्धि दात्री मंदिर पहुंचे। यहां वो कारसेवक भी पहुंचे जिन्होंने राम मंदिर को लेकर किए गए आंदोलन में कथित बाबरी मस्जिद को गिराया था। इनमें कार सेवक गेस राम चौहान भी मौजूद थे। गेस राम राज्य के इकलौते ऐसे कारसेवक हैं,जिन्हें आंदोलन के दौरान गोली लगी थी। पिछले कई सालों से यह गुमनाम जिंदगी कोरबा के गांवों में जी रहे थे। मंदिर निर्माण पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दैनिक भास्कर ने गेस राम पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिस वजह से वो चर्चा में आए। इस मौके पर गेस राम का सम्मान किया गया। कार सेवक किशोर बुटोलिया ने आंदोलन और बलिदान को याद किया। इस मौके पर अन्य कार सेवक और जन प्रतिनिधी व राम भक्त मौजूद रहे।
मंदिर परिसर के कार्यक्रम कुछ इस प्रकार की
मुख्य पूजा सुबह 12 जून को सुबह 9:00 बजे शुरू किया गया
सुबह 9:00 बजे कलश यात्रा के साथ निशान पदयात्रा का आयोजन किया गया
दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक महा भंडारा
दोपहर 1:40 से 3:21 तक स्वामी निश्चलानंद सरस्वती की मौजूदगी में राम मंदिर के मुख्य पूजा
शाम 5:00 बजे से विश्व विख्याता वाचिका जया किशोरी का वाचन किया
कोरबा में घुमने की जगह
मेहरगढ़
किले के चारों ओर घने जंगल विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों और पक्षियों के लिए घर है। इसके अलावा कुछ मूर्तियां भी हैं| इस किले के अवशेष पाउना खरा पहाड़ी पर 2000 फीट की ऊंचाई पर पाए जाते हैं, जो राजगमार कोयला खानों के 15 किमी उत्तर पूर्व के आसपास स्थित है।
तुमान
प्राचीन इतिहास में कहा गया है कि तुमान हाईया वंश के राजाओं की राजधानी थी। इस शिव मंदिर के अलावा, कुछ अन्य अवशेष यहां भी पाए जाते हैं। एक प्राचीन शिव मंदिर यहां पाया जाता है। तुमान काटघोरा से 10 किमी दूर स्थित एक छोटा गांव है, जो उत्तर-पश्चिम दिशा में जिला मुख्यालय कोरबा से 30 किमी दूर है।
चैतुरगढ़
यह पाली से 25 किलोमीटर उत्तर की ओर 3060 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है, यह राजा पृथ्वीदेव प्रथम द्वारा बनाया गया था। कई प्रकार के जंगली जानवर और पक्षी यहां पाए जाते हैं। किले के तीन मुख्य प्रवेश द्वार हैं जो मेनका, हुमकारा और सिम्हाद्वार नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष पूजा आयोजित की जाती है।
देवपहाड़ी
देवपहाड़ी कोरबा से 58 किलोमीटर उत्तर पूर्व में चोरनाई नदी के किनारे स्थित है। देवपहाड़ी जलप्रपात पहाड़ों से होकर बहता हुआ, घुमावदार और तेज बहाव के साथ पहाड़ियों से नीचे जमीन पर गिरता है। देव का अर्थ है भगवान और पहाड़ी का अर्थ है पर्वत, यानी पानी देवताओं के पर्वतों से बहता है। ये जलप्रपात भव्य और विशाल हैं और घूमने के लिए प्रसिद्ध स्थानों में से एक हैं। आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ जलप्रपात देखने और पिकनिक मनाने जा सकते हैं। ये जलप्रपात आज भी सुंदर और साफ-सुथरे हैं। तेज धूप वाले दिन जलप्रपात से ठंडी और ताजी फुहार का आनंद लेना एक सुखद अनुभव होता है।
केंदई
केंडाई गांव कोरबा जिला मुख्यालय से 85 किलोमीटर की दूरी पर बिलासपुर-अंबिकापुर राज्य राजमार्ग संख्या 5 पर स्थित है। यह जिले के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां 75 फीट ऊंचा एक मनमोहक झरना है।
तुमान
तुमान एक छोटा सा गांव है जो कटघोरा से 10 किलोमीटर दूर स्थित है, जो जिला मुख्यालय से उत्तर-पश्चिम दिशा में 30 किलोमीटर दूर है।प्राचीन इतिहास के अनुसार, तुमान हैहय वंश के राजाओं की राजधानी थी। यहाँ एक प्राचीन शिव मंदिर मौजूद है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कलचुरी के शासनकाल (लगभग 11वीं शताब्दी ईस्वी) में राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा करवाया गया था। इस शिव मंदिर के अलावा, यहाँ कुछ अन्य अवशेष भी पाए जाते हैं।