कानन पेंडारी best जूलॉजिकल गार्डन बिलासपुर के सुन्दर पर्यटन स्थल

कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन छत्तीसगढ़ में स्थित है जूलॉजिकल गार्डन की तुलना में अधिक प्रसिद्ध है यह चिड़ियाघर के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के खेलने के सुविधा के लिए भी जाना जाता है यहां पर जाने के उपरांत आपको कई अन्य प्रकार के जानवर देखने को मिलते हैं पक्षी, सांप, मछली, हिरण, तेंदुआ, भूरे उल्लू ,श्वेत उल्लू ,सफेद मोर ,काकड़ काला हिरण ,सांभर ,चिकारा नीलगाय , भालू ,बब्बर ,शेर ,लोमड़ी, जंगली सूअर, दरियाई ,इत्यादि यहां पर लोग अधिकतर बच्चों के मनोरंजन के लिए लेकर जाते हैं यहां जूलॉजिकल गार्डन बिलासपुर शहर के काफी नजदीक में स्थित है यहां पर प्रतिदिन काफी अच्छे खासे मात्रा में लोग अपना समय व्यतीत करने आते हैं और नॉलेज गेन करने के लिए भी जाया करते हैं

कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर शहर के पास लगभग 10 किलोमीटर में सकरी के पास स्थित है यह कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन 114.636 हेक्टेयर के क्षेत्र में सुंदर तरीके से फैला हुआ है जूलॉजिकल गार्डन की स्थापना को लगभग 2005 का नाम लिया गया है

कानन पेंडारी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से 10 किलोमीटर दूर वैली रोड पर सकरी के पास स्थित जूलॉजिकल गार्डन की स्थापना वर्ष 2005 में किया गया यह लगभग 70 प्रजातियों को अपनी और आकर्षित करता है यहां पर्यटक के लिए अच्छी व्यवस्था है कई जगहों पर पीने का पानी के लिए वाटर कूलर व्हेन शौचालय सफारी कार और बच्चों के खेलने के लिए झूले की आती है पूरे चिड़ियाघर को फाइनल ढूंढने में लगभग 2 से 3 घंटा का समय लगता है

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छत्तीसगढ़ के विभिन्न जगह से लोग जब भी चिड़िया घर जाते हैं तो कानन पेंडारी घूमने जाने का प्लान सबसे पहले बनता है या छत्तीसगढ़ के एकदम करीब है इस कारण प्रतिदिन पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है अगर आप कभी बिलासपुर जाए तो एक बार कानन पेंडारी अवश्य जाना चाहिए आप जानते हैं कि छोटे चिड़ियाघर के बारे में जानकारी यहां जा कर प्राप्त कर सकते हैं यहां सुंदर जगह है जो काफी रोचक तथ्य की बाते बताते है यहां पर बड़े बुजुर्ग और बच्चे सभी लोगो के लिए आचार्य जनक पर्यटन स्थल है जहां जा कर आपको अत्यंत खुशी का अनुभव होगा और अनेक जीव जंतु के बारे में जान सकेंगे तो आप इस जगह एक बार जाकर जरूर देखे

बिलासपुर

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से 10 किलोमीटर दूर मुंगेली रोड पर सकरी के पास स्थित है। इस जूलॉजिकल गार्डन की स्थापन वर्ष 2004 -2005 में किया गया। यह लगभग 114.636 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ लगभग 70 प्रजातियों के वन्यजीव है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहाँ पर्यटकों के लिए अच्छी व्यवस्था है, कई जगहों पर पीने का पानी के लिए वाटर कूलर, बेंच, शौचालय, सफारी कार और बच्चों के खेलने के लिए झूले इत्यादि है। पूरे चिडिय़ाघर को पैदल घुमने में लगभग 2 -3 घंटे का समय लग जाता है इसलिए जब भी आयें समय निकल कर आये ताकि आप यहाँ की जानवरों के उछल कूद, खूबसूरत परिंदों को निहार सकें। यहां एक्वेरियाम वे विभिन्न प्रजातियों की मछलिया देखने को मिल जाएगी। रंगबिरंगी मछलियां बच्चों अपनी तरफ आकर्षित करती है। इस एक्वेरियाम में प्रवेश करने का शुल्क 10 रुपए प्रति व्यक्ति है। रंग बिरंगी मछलियों का तैरना बच्चों को बहुत अच्छा लग रहा था। जो बच्चो रंगबिरंगी मछलियां कभी देखे नहीं थे उन्हे आश्चर्य लग रहा था कि ऐसी भी मछलियां होती है।

कानन पेंडारी चिड़ियाघर पार्क का अवलोकन

इस क्षेत्र का एकमात्र चिड़ियाघर, कानन पेंडारी चिड़ियाघर पार्क, कुछ अद्भुत वन्यजीवों का दावा करता है। यह चिड़ियाघर परिवार या दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए भी एक बेहतरीन जगह है। यहाँ बहुत ज़्यादा संख्या में जंगली जानवर देखने की उम्मीद न करें; बस आपको थोड़ा सा मनोरंजन करने लायक ही मिलेंगे। यहाँ एक शेर, एक बाघ, एक भालू, एक दरियाई घोड़ा और कुछ साँप हैं। यह जगह बिलासपुर में बच्चों के साथ घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक मानी जाती है।

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सामान्य विवरण:

बिलासपुर का एक लोकप्रिय आकर्षण, कानन पेंडारी प्राणी उद्यान, समृद्ध जैव विविधता का दावा करता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के जानवर, पक्षी और सरीसृप पाए जाते हैं। यह प्रकृति प्रेमियों और यादगार दिन बिताने की चाह रखने वाले परिवारों के लिए एक स्वर्ग है

  • वन्यजीव मुठभेड़: राजसी बाघों, सुंदर शेरों, चंचल बंदरों और अन्य को उनके प्राकृतिक आवासों में देखने का रोमांच अनुभव करें।
  • पक्षी अभयारण्य: विशाल पक्षीशालाओं के चारों ओर उड़ते हुए मोर, तोते और उल्लू सहित जीवंत और विविध पक्षी प्रजातियों को निहारें।
  • सरीसृप गृह: सांप, मगरमच्छ और कछुए जैसे आकर्षक सरीसृपों के करीब जाएं और उनके अद्वितीय अनुकूलन के बारे में जानें।
  • शैक्षिक महत्व: कानन पेंडारी वन्यजीव संरक्षण और शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, तथा लुप्तप्राय प्रजातियों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और जैव विविधता के संरक्षण के महत्व को बताता है।
  • परिवार-अनुकूल गतिविधियाँ: चिड़ियाघर में खेल का मैदान, पिकनिक स्थल और बच्चों की ट्रेन की सुविधा है, जो इसे परिवार के साथ बाहर जाने के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।

ऐतिहासिक महत्व:

छत्तीसगढ़ की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण और सुरक्षा के लिए 2005 में कानन पेंडारी प्राणी उद्यान की स्थापना की गई थी। अपनी स्थापना के बाद से, यह चिड़ियाघर एक महत्वपूर्ण संरक्षण केंद्र के रूप में उभरा है, जो लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रजनन और पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है

  • संरक्षण प्रयास: चिड़ियाघर सक्रिय रूप से संरक्षण कार्यक्रमों में भाग लेता है, जिसमें बाघों और शेरों जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों का प्रजनन भी शामिल है, जो इन राजसी जानवरों के संरक्षण में योगदान देता है।
  • वन्यजीव अनुसंधान: कानन पेंडारी वन्यजीव जीवविज्ञानियों के लिए मूल्यवान अनुसंधान के अवसर प्रदान करता है, जिससे उन्हें पशु व्यवहार, पारिस्थितिकी और संरक्षण रणनीतियों को समझने में मदद मिलती है।
  • सामुदायिक सहभागिता: चिड़ियाघर स्थानीय समुदायों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ता है, पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देता है और वन्यजीव संरक्षण के लिए जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देता है।
टाइमिंग

कानन पेंडारी प्रत्येक सोमवार को बंद रहता है

गर्मी के दिनों में 8: am से 6.00pm

सर्दी के दिनों में 9.00am से 5.30pm

कानन पेंडारी दूरी

निकटम बस स्टैंड -बिलासपुर 🚌🚌 स्टैंड

निकटम रेलवे स्टेशन -उसलापुर स्टेशन

निकटम हवाई अड्डा- विवेकानंद हवाई अड्डा

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