सप्तदेव मंदिर है अदभुत और रोचक Saptdev temple is amazing and interesting

दोस्तो आइए जानते है छत्तीसगढ़ राज्य के एक सुन्दर और विशाल शहर कोरबा जिला के बारे में इस जगह जाने में आपको कठिनाई नहीं उठानी पड़ेगी क्योंकि यहां जगह 🚐, ट्रेन, ऑटो, रिक्शा आदि से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और आप इस जगह पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ आकार सप्तदेव के अदभुत सुंदरता का आनंद ले सकते हैं जिले के प्रमुख श्री सप्त देव मंदिर व राधाकृष्ण मंदिर गेवरा में कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन किया गया। सुबह पूजा-अभिषेक किया गया। जन्मोत्सव की आतिशबाजी की गई। नन्हें बाल गोपालों की जीवंत झांकी निकाली गई। श्री सप्त देव मंदिर में झांकी देखने लोगों की भीड़ लगी रही। मंदिरों में रात 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के समय भक्तों ने जयकारा लगाई। प्रसाद वितरण किया गया। इसके बाद सभी ने एक दूसरे को जन्मोत्सव की बधाई दी

सप्तदेव मंदिर 

  • राममंदिर कैलाशनगर में महिलाओं ने मटकी ताेड़ी

कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राम मंदिर में महिलाओं के लिए मटका फोड़ कार्यक्रम आयोजित किया गया। पार्षद लोकेश चौहान व भाजपा महिला मोर्चा के मार्गदर्शन में हुआ। इस कार्यक्रम में विजेता महिलाओं में सुषमा राठौर, सुशीला तिवारी, मनीष गोस्वामी, आसी गोस्वामी, कमला कैवर्त, रूखमणी चंद्रा, ममता यादव रहे। सभी को पार्षद चौहान ने सम्मानित किया। इसमें दो बच्चियां राधा रानी की वेशभूषा में कार्यक्रम में शामिल हुई थी। इन्हे भी सम्मानित किया गया।

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  • कृष्ण जन्माष्टमी पर्व

कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह दिखा। चहुंओर नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की गूंज सुनाई दी। शहर से लेकर गांव तक मटकी फोड़ के कार्यक्रम हुए। इस स्पर्धा में युवाओं की अलग-अलग टोली ने भाग लेकर कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया। अनेकों कार्यक्रम हुए। राधा-कृष्ण मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना हु इसके बाद मंदिर प्रांगण में मटकी फोड़ के कार्यक्रम में भाग लेकर लोगों ने इसका आनंद उठाया। भगवान कृष्ण के वेश में भी कई बच्चे नजर आए। भगवान कृष्ण की झांकी भी निकाली गई, जो लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना रहा। घरों में भी पर्व को लेकर भी खासा उत्साह नजर आया। व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना के बाद भगवान कृष्ण की प्रतिमा को झूले पर रखकर झुलाया। पुराना बस स्टैंड से सत्यदेव मंदिर तक भगवान कृष्ण की झांकी भी निकाली गई। मंदिर में दर्शन करने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे।

  • पाली- मटकी फोड़ने युवाओं की निकली टोली

नगर में महामाया देवालय से कृष्ण की टोली मटकी फोड़ने निकली। लोगों ने घरों के सामने मटकी बांध रखी थी। बीईओ पाली दफ्तर के सामने स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में शाम 6 बजे विशेष पूजा के बाद भजन-कीर्तन हुए। इससे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना रहा। नगर में अनेकों कार्यक्रम हुए, जिसका आनंद लोगों ने उठाया

  • कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह दिखा। चहुंओर नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की गूंज सुनाई दी। शहर से लेकर गांव तक मटकी फोड़ के कार्यक्रम हुए। इस स्पर्धा में युवाओं की अलग-अलग टोली ने भाग लेकर कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया। अनेकों कार्यक्रम हुए। राधा-कृष्ण मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना हुई।

हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से अन्य सालों की अपेक्षा आयोजन प्रभावित रही। इसके बाद भी लोगों ने अपने घरों में रहकर जन्माष्टमी मनाई। पुरानी बस्ती स्थित रानी रोड से आदिले चौक तक जगह जगह दही हांडी बांधी गई थी। वार्ड के लोगों ने संयुक्त से रूप आयोजन कर जन्माष्टमी मनाई। दही हांडी फोड़ने के लिए रैली के शक्ल में टोली निकली। रैली के साथ निकाली गई।

कृष्ण और राधा की वेशभूषा में आकर्षण का केंद्र रहे बच्चे

अपेक्स इंटरनेशनल स्कूल पाली में भी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। कृष्ण का वेश धरे बालक आकर्षण का केंद्र रहे। स्कूल के छात्रों के बीच मटकी फोड़, मटकी डेकोरेशन, डांस स्पर्धा हुई। कार्यक्रम में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष संजू अजय जायसवाल, पूर्व जनपद सदस्य कमला जायसवाल, व्यवस्थापक अमन पांडेय, श्वेता मिश्रा, अल्का जायसवाल, मुस्कान भवनानी, मंजू शुक्ला समेत अन्य मौजूद रहे।

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आधी रात को श्री कृष्ण जी का हुआ जन्म: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आधी रात को ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. इसी मान्यता के मद्देनजर मंदिरों में देर रात तक भक्तों का तांता लगा रहा. जगह-जगह दही हांडी की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई, आकर्षक झांकियां निकाली गई. इस तरह शहर के साथ ही उपनगरीय क्षेत्रों में धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया गया

सत्यदेव मंदिर में खास तैयारी से मनाया गया पर्व: शहर के सीतामणी स्थित सप्तदेव मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के लिए खास तैयारी हर साल की जाती है. इस साल भी यहां कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर बाल गोपाल की अलग-अलग झांकियां बनाई गई थी. राधा कृष्ण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. 10 वर्ष तक के बच्चे राधा कृष्ण की वेशभूषा में यहां पहुंचे थे. जिन्हें पुरस्कार भी दिया गया. श्री कृष्ण के जन्म से लेकर अलग-अलग लीलाओं का प्रदर्शन किया गया. जिसे देखने के लिए हजारों की तादाद में भक्त यहां पहुंचे.

सप्तदेव मंदिर की रोचक बातें

  • भव्य जन्माष्टमी उत्सव: यह मंदिर अपने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है। यहां उत्सव को मथुरा और वृंदावन की तरह धूमधाम से मनाया जाता है।
  • धार्मिक और सामाजिक कार्य: मंदिर में साल भर धार्मिक और सामाजिक गतिविधियाँ होती रहती हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों को लाभ होता है।
  • गरीब और असहायों की मदद: मंदिर गरीब और असहाय लोगों के लिए भंडारे आयोजित करता है और कपड़े, कंबल, दवाइयां जैसी चीजें भी वितरित करता है।
  • वरिष्ठजनों का सम्मान: मंदिर ने वरिष्ठजनों की सुविधा के लिए लिफ्ट का निर्माण कराया, ताकि वे भंडार कक्ष तक आसानी से पहुंच सकें। लोकार्पण वरिष्ठजनों के हाथों से ही कराया गया था।
  • सांस्कृतिक आयोजन: मंदिर में कई तरह के सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन होते रहते हैं, जैसे राधा-कृष्ण प्रतियोगिताएं और दही-हांडी प्रतियोगिताएं। 

मंदिर की अद्भुत और रोचक बातें

  • धार्मिक और सामाजिक कार्यों का केंद्र: यह मंदिर वर्ष भर धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र रहता है, जैसे कि गरीब और जरूरतमंदों के लिए भंडारा और कंबल वितरण।
  • भव्य आयोजन: यहां जन्माष्टमी, भादी अमावस्या और अखंड ज्योति जैसे बड़े आयोजनों के लिए विशेष तैयारी की जाती है।
  • वरिष्ठों का सम्मान: मंदिर के वरिष्ठ सदस्यों के सम्मान में लिफ्ट का निर्माण किया गया है, जिसे वरिष्ठजनों के हाथों से ही लोकार्पण कराया गया था, ताकि वे मंदिर के भंडारा कक्ष तक आसानी से पहुँच सकें।
  • संस्कृति और संस्कार: मंदिर का उद्देश्य भक्तों में आस्था, संस्कृति और संस्कारों का प्रसार करना है।
  • शक्तिपीठों का संगम: कई बार देशभर के पाँच प्रमुख शक्तिपीठों से लाए गए पावन ज्योत कलशों का मंदिर परिसर में भव्य स्वागत और दर्शन कराया जाता है। 

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