दीपावली क्यों मनायी जाती है महत्त्व दिवाली में क्या क्या करे

दिवाली पर पूरा शहर दीपों से रोशन नजर आता है.हर तरफ खुशी और उल्लास का माहौल होता है. बच्चों से लेकर बड़ों तक को सालभर इस त्योहार का इंतजार होता है. इस त्योहार को मनाने की तैयारियों हफ्तों पहले से होने लगती हैं. घरों की सफाई से लेकर सजावट और रंग-बिरंगी लड़ियां सजाने का साथ ही एक से बढ़कर एक पकवान घर लाए जाते हैं.

1.दिवाली क्यों मनायी जाती है ? 

ऐतिहासिक रूप से ये वो दिन है जब राम ने कंस का वध किया था। उसका मूल नाम रावण नहीं था पर वो लोगों के जीवन को यातना दे देकर नर्क बना देता था, और इसीलिये लोग उसे नरकासुर कहने लगे। जो दूसरों को दुख, तकलीफ,नरक दे वो नरकासुर है। जब राम ने रावण का वध करके सीता माता को साथ लेकर अयोध्या लौटे थे इस लिए दीपावली का पवन पर्व मनाया जाता है राम ने इस यातना देने की प्रक्रिया का अंत कर दिया, तो लोगों ने हर घर में दिये जला कर उत्सव मनाया। नरकासुर को मारने की घटना तो खैर बहुत बाद में हुई, पर इस दिन के आसपास के समय में दिये जलाने की परंपरा और संस्कृति 12 से 15000 साल पुरानी है। लोगों ने ये समझ लिया था कि साल के इस समय में उनके जीवन में एक तरह की जड़ता आ जाती थी। तो विचार ऐसा था कि अगर आप एक दिये, एक पटाखे की तरह पूरी तरह से जीवंत, सक्रिय नहीं हैं तो अपने आसपास दिये और पटाखे जलाने से आप कुछ तो जाग जायेंगे। यही वजह है कि नर्क चतुर्दशी के दिन सुबह 4 बजे से ही पटाखे चलाये जाते हैं जिससे हर कोई जाग जाये, जीवंत हो जाये।

राम सीता का अयोध्या वापसी

राम सीता का अयोध्या वापसी

दीपावली का महत्व

साल 2025 में दीपावली का त्यौहार 19 अक्टूबर को 21अक्टूबर दीपावली पर हवन करने की जानकारी लोकल 18 को देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि हिंदू धर्म में दीपावली का त्यौहार सबसे खास पर्वों में से एक है. दीपावली पर माता लक्ष्मी, गणेश भगवान और कुबेर महाराज की पूजा करने का महत्व होता है. वह बताते हैं कि कार्तिक अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है.दिवाली के दिन हर शहर, कस्बा और गाँव हज़ारों दियों की रोशनी से जगमगाता है पर ये उत्सव सिर्फ बाहर के दिये जलाने के लिये नहीं है। अंदरूनी प्रकाश आना ज़रूरी है। प्रकाश का अर्थ है स्पष्टता। बिना स्पष्टता के, आपके पास दूसरे जो भी गुण हों, वे आपके लिये कोई उपहार नहीं होंगे, बल्कि बाधायें बन जायेंगे क्योंकि बिना स्पष्टता के विश्वास भी विपत्ति है और आज तो सारी दुनिया में बहुत सारा काम बिना स्पष्टता के ही होता है।

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2.दीपावली की विशेष बातें

धार्मिक महत्व: यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने और रावण पर उनकी जीत का जश्न मनाने का दिन है।

देवी लक्ष्मी का पूजन: ऐसा माना जाता है कि दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए, लोग इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।

दीयों की परंपरा: दीपावली का नाम “दीपों की पंक्ति” से आया है। इस दिन घर और सड़कों को मिट्टी के दीयों, मोमबत्तियों और रोशनी से सजाया जाता है।

घर की सफाई: देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए, लोग दीपावली से बहुत पहले ही अपने घरों की पूरी तरह से सफाई करते हैं।

खुशियाँ और उत्सव: यह एक ऐसा समय है जब लोग परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं, और एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएँ देते हैं।

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अन्य मान्यताएँ: कुछ मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन भगवान राम ने नरकासुर नामक राक्षस को हराकर लोगों को मुक्त कराया था, इसलिए इसे उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।

झाड़ू का महत्व: कई लोग दीपावली पर एक नया झाड़ू खरीदते हैं, क्योंकि इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और यह घर में धन की समृद्धि लाने में मदद करता है।

3. दीपावली में क्या क्या करे

सफाई और सजावट: घरों और दुकानों की सफाई करके उन्हें सजाना चाहिए, जैसे कि रंग-रोगन और रंगोली बनाना।

दीपक और रोशनी: घर को रोशन करने के लिए दीपक और मोमबत्तियां जलाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

पूजा-पाठ: शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा में दीपक, फूल, फल और मिठाई अर्पित करें।

खरीदारी: लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा या नारियल जैसी शुभ चीजें खरीदना शुभ माना जाता है।

प्रसाद बांटना: पूजा के बाद प्रसाद बांटें और दोस्तों व परिवार के साथ खुशियां साझा करें।

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5.दिवाली के दिन भूलकर भी न करें ये गलती 

भूलकर भी न करें दही का सेवन

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार दीपावली के दिन भूलकर भी दही का सेवन नहीं करना चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा के दिन खट्टी चीजों से परहेज करना चाहिए। खासतौर पर दही का, हालांकि इसे पंचामृत और चरणामृत के रूप में सेवन किया जा सकता है। पर भोजन के रूप में इसका उपयोग भूलकर भी न करें।

सूर्यास्त के बाद सोना है वर्जित

ज्योतिष में शाम का समय मां लक्ष्मी का होता है। ऐसा मानते हैं कि दिवाली के दिन शाम को मां लक्ष्मी भ्रमण के लिए निकलती हैं। ऐसे में यदि आपको ध्यान रखना है कि दीपावली के दिन सूर्यास्त के बाद आप न सोएं। अगर ऐसा करते हैं तो मां लक्ष्मी आपसे रुष्ठ हो सकती हैं।

दीपावली पर क्रोध न करें

आपको ध्यान रखना है कि दीपावली के दिन आपको गुस्सा नहीं करना है। इस दिन क्रोध करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती। मां लक्ष्मी की पूजा प्रसन्न होकर प्रेमभाव के साथ करनी चाहिए।

किसी भी निंदा न करें

मां लक्ष्मी को निंदा करना पसंद नहीं। यानी आपको दीपावली के दिन किसी की भी निंदा करने से बचना होगा। ऐसा करने से आप मां लक्ष्मी की कृपा से वंचित रह सकते हैं।

नशा करना वर्जित है
शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में किसी भी प्रकार का नशा करना वर्जित माना गया है। जो लोग दीपावली के दिन नशा करते हैं, वे हमेशा दरिद्र बने रहते हैं। नशे की हालत में घर की शांति भंग होती है और सभी सदस्यों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है, साथ ही इससे वाद-विवाद भी हो सकता हैं और लक्ष्मी पूजा भी ठीक से नहीं हो पाती है।

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